WIPO का नया AI आधारित टूल : WIPO TRANSLATE
पेटेंट दस्तावेजों के लिए विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) का आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित अनुवाद उपकरण अब दस भाषाओं में उपलब्ध है। WIPO Translate एक तत्काल अनुवाद उपकरण है जो विशेष रूप से पेटेंट दस्तावेजों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिनका अनुवाद करना अत्यधिक चुनौतिपूर्ण होता है । WIPO का यह टूल ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर और लाइब्रेरी (Nematus – Theano, AmuNMT) पर आधारित है |
WIPO Translate एक अत्याधुनिक तंत्रिका मशीन अनुवाद (neural machine translation) तकनीक को समाहित करता है जो उच्च तकनीकी पेटेंट दस्तावेजों को उनकी वाक्य-रचना और शैली के आधार पर उनका दूसरी भाषा में अनुवाद करता है ,जो पिछली तकनीकों पर निर्मित अन्य अनुवाद उपकरण के लिए करना संभव नहीं हो पता था |
अंग्रेजी और चीनी में उपलब्ध टूल के पहले संस्करण को 2016 में लॉन्च किया गया था। WIPO ने अब पीसीटी (अरबी, जर्मन, स्पेनिश, फ्रेंच, कोरियाई) के अंतर्गत आने वाली आधिकारिक भाषा में सभी पेटेंट दस्तावेजों का अनुवाद करने के लिए नई तकनीक “प्रशिक्षित” की है जो PCT कि किसी भी भाषा को अंग्रेजी में और उसके विपरीत अनुवाद करने में सक्षम है |
WIPO Translate Patentscope डाटाबेस के माध्यम से नि: शुल्क उपलब्ध है, जो दुनिया भर के अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन पत्र दाखिल करने से पहले आविष्कारकों द्वारा शोध के लिए उपयोग किया जाता है। यह डाटाबेस अंतरराष्ट्रीय पेटेंट सहयोग संधि (पीसीटी) को पेटेंट प्रकाशन के दिन पूरे पाठ प्रारूप में आवेदनों तक पहुंच प्रदान करता है, साथ ही भाग लेने वाले राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पेटेंट कार्यालयों के पेटेंट दस्तावेजों की भी उपलब्धता प्रदान करता है । जानकारी को कई भाषाओं में खोजशब्दों, आवेदकों के नाम, अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट वर्गीकरण और कई अन्य खोज मापदंडों में दर्ज करके खोजा जा सकता है। डेटाबेस में करीब 65 मिलियन दस्तावेज हैं।
WIPO के निदेशक General Francis Gurry के अनुसार “पेटेंट सिस्टम का प्रमुख उद्देश्य लोगों तक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराना है | उस उद्देश्य कि सार्वभौमिक उपलब्धि के लिए भाषा एक बाधा है | WIPO Translate के लिए सफलता का मतलब है कि पेटेंट दस्तावेजों कि विशाल, और निरंतर बढ़ती संख्या अन्वेषकों के लिए आसानी से सुलभ हो सके जो इन अभिलेखों को प्रेरणा या तकनीकी जानकारियों के लिए खोजते हैं | वैश्विक रुझान के एक हिस्से के रूप में, पूर्वी एशियाई भाषाओं में पेटेंट आवेदन तेजी से दायर किए जा रहे हैं, विशेषकर चीनी में, और WIPO Translate इस बात को सुनिश्चित करने में सहायता करता है कि इन भाषाओं में बनाए गए अत्याधुनिक ज्ञान को व्यापक रूप से और तेज़ी से संभवतः साझा किया जा सके । WIPO Translate को विस्तारित करने के लिए दुनिया भर के अन्वेषकों का स्वागत है । यह टूल मूल भाषाओं में दर्ज प्रौद्योगिकी ज्ञान के लिए पहुंच सुनिश्चित कराता है। “
Neural machine translation (तंत्रिका मशीन अनुवाद) एक उभरती हुई तकनीक है यह विशाल तंत्रिका नेटवर्क मॉडल पर आधारित है जो पहले अनुवादित वाक्यों से “सीखता” है । तंत्रिका मशीन अनुवाद की विशिष्टता (पिछले “वाक्यांश आधारित” सांख्यिकीय विधियों की तुलना में) यह है कि यह अधिक प्राकृतिक शब्द क्रम पैदा करता है, तथा इसका तथाकथित दूरस्त देशो के भाषओं के जोड़े, जैसे कि जापानी-अंग्रेज़ी या चीनी-अंग्रेजी के अनुवाद में विशेष सुधार दिखाई देता है ।
हाल ही के एक टेस्ट में, WIPO Translate के तंत्रिका-आधारित मशीन अनुवाद सेवा ने दूरस्थ भाषा के जोड़ों के साथ-साथ अन्य गैर-WIPO अनुवाद सेवाओं पर पिछले सांख्यिकीय-आधारित विधियों की तुलना में काफी बेहतर परिणाम दिया है । चूंकि इस उपकरण को पेटेंट दस्तावेजों पर विशिष्ट रूप से प्रशिक्षित और केंद्रित किया गया है, यह असमान शृंखला समूह विषय वाक्य (disparate array of texts) की बजाय उच्च-गुणवत्ता वाला अनुवाद देता है। यह टूल आंतरिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट वर्गीकरण से ली गई 32 तकनीकी कार्यक्षेत्र (Domains) को एकीकृत करता है । इससे प्रणाली को अनुवाद प्रक्रिया में अस्पष्टता को खत्म करने में सफलता मिलती है। एक विशेष वाक्य का अनुवाद करते समय यह टूल प्रौद्योगिकी विशिष्ट कार्यक्षेत्र (Technical Domain) को ध्यान में रखता है, जिससे अधिक सटीक अनुवाद प्रदान किए जाते हैं ।
हमारा दृष्टिकोण – भारत में पेटेंट आवेदन के सन्दर्भ में :
पेटेंट तंत्र के प्रमुख लक्ष्यों में से एक लोगो तक सूचना उपलब्ध कराना है | यदि अन्वेषकों के हाथ में स्पष्ट और सुबोध जानकारी होगी जिसे वह समझ सकें तब ही वह नए आविष्कारों का पेटेंट दर्ज करा सकेंगे | यह तभी संभव हो सकता है जब पेटेंट को हिंदी में दर्ज कराने कि सुविधा हो एवं पहले से दर्ज पेटेंट भी हिंदी भाषा में उपलब्ध हो सकें | यह कार्य निश्चित ही बहुत बड़ा एवं चुनौतीपूर्ण है किन्तु यह देश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य है क्यूंकि आने वाले समय में बौद्धिक संपदा ही देश के विकास का मापदंड होगी | गौरतलब है कि भारत सरकार ने देर से ही सही इस आवश्यकता को समझा और अब भारत सरकार का ही एक उपक्रम CDAC ,WIPO जैसा ही ट्रांसलेशन टूल को बनाने का प्रयास कर रहा है | हम आशा करते हैं कि जल्द-से-जल्द यह टूल लोगों को उपलब्ध हो ताकि भाषा का रोड़ा विकास पथ के आड़े नहीं आ पाए |