भारत सरकार का बड़ा फैसला अब MSME एवं स्टार्टअप के व्यापारियों के लिए पेटेंट और डिज़ाइन के आवेदनों को फाइल करने की फ़ीस में कमी
भारत सरकार ने नवाचार, उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए MSME एवं स्टार्टअप के व्यापारियों के लिए बौद्धिक सम्पदा अधिकार जैसे पेटेंट और डिज़ाइन के आवेदनों को फाइल करने के लिए दी जाने वाली फ़ीस को काफी मात्रा में कम करने का प्रस्ताव रखा है| अभी तक एकल व्यापारी, समूह व्यापारी गण को अलग स्तर के बौद्धिक सम्पदा अधिकार के आवेदन भरने पर अलग अलग फ़ीस देनी होती थी|
प्रस्ताव के अनुसार, पेटेंट आवेदनों को दाखिल करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) और स्टार्टअप्स के लिए फ़ीस लगभग 60% की कमी के साथ 4,000 / 4,400 रुपये से घटकर 1,600 / 1,750 रुपये हो जाएगी।
पेटेंट के लिए रिक्वेस्ट फॉर एग्जामिनेशन फ़ीस लगभग 60% की कमी के साथ 10,000 / 11,000 से घटकर 4,000 / 4,400 रुपये हो जायेगी|
पेटेंट के शीघ्र परीक्षा (EXPEDITED EXAMINATION ) आवेदन के लिए, फ़ीस लगभग 68% की कमी के साथ 25,000 रुपये से घटकर 8,000 रुपये हो जाएगा। इसी तरह, पेटेंट के नवीनीकरण के लिए, जो फ़ीस 2000 से 20000 के बीच लगती थी वो केवल 800 से 8000 के बीच ही रह जाएगी।
मंत्रालय ने कहा कि डिज़ायन के लिए आवेदन शुल्क में लगभग 50% की कमी करते हुए एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए फ़ीस 2000 रुपये से घटाकर 1,000 रुपये कर दी जाएगी।
इसके साथ ही लगभग 100% की कमी करते हुए भौगोलिक संकेत (जी आई) के लिए, आवेदन पत्र भरने, प्रमाण-पत्र जारी करने एवं नवीकरण के लिए वर्तमान आवेदन शुल्क क्रमश 500 रुपये, 100 रुपये और 1,000 रुपये था जो अब प्रस्ताव के बाद 100% कमी के साथ शून्य कर दिया जायेगा।
2016 में सरकार द्वारा अपनाई गई राष्ट्रीय आईपीआर नीति ने देश में आईपीआर शासन को और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त किया। पिछले 5 वर्षों में लिए गए ठोस कदमों से आईपी फाइलिंग में वृद्धि देखी गयी है
2013-2014 से 2018-2019 के बीच में लगभग 18 प्रतिशत पेटेंट्स में और 69 प्रतिशत व्यापार चिन्ह के आवेदनों में इज़ाफा हुआ है|
पेटेंट के लिए घरेलू आवेदन संख्या 2013-14 में 22% से बढ़कर 2018-19 में लगभग 34% हो गई है। सरकार द्वारा स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, R & D संस्थानों और उद्योग समूहों में बौद्धिक सम्पदा के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।